बुद्धि रूपी कम्प्युटर में पूर्ण विराम की मात्रा आना माना प्रसन्नचित रहना
बुद्धि रूपी कम्प्युटर में पूर्ण विराम की मात्रा आना माना प्रसन्नचित रहना
बुद्धि रूपी कम्प्युटर में पूर्ण विराम की मात्रा आना माना प्रसन्नचित रहना
समय अमूल्य खजाना है इसलिए इसे नष्ट करने के बजाए फौरन निर्णय कर सफल करो।
ज्ञानी बन व्यर्थ प्रश्नों को स्वाहा कर दो तो समय बच जायेगा।
समय और संकल्प के खजाने की बचत कर जमा का खाता बढ़ाओ।
स्वभाव को सरल बनाओ तो समय व्यर्थ नहीं जायेगा ।
त्रिकालदर्शी बनकर हर कर्म करो तो सफलता सहज मिलती रहेगी।
दृढ़ता कड़े संस्कारों को भी मोम की तरह पिघला (खत्म कर) देती है
बाप की दुआयें लेते हुए सदा भरपूरता का अनुभव करो
बुद्धि की महीनता अथवा आत्मा का हल्कापन ही ब्राह्मण जीवन का व्यक्तित्व है
अलंकार ब्राह्मण जीवन का श्रृंगार हैं इसलिए अलंकारी बनो देह अहंकारी नहीं
चोट लगाने वाले का काम है चोट लगाना और आपका काम है अपने को बचा लेना
एक के अन्त में खो जाना अर्थात् एकान्तवासी बनना
सहारेदाता बाप को प्रत्यक्ष कर सबको सुख-शान्ति की अनुभूति कराओ
मन को प्रभु की अमानत समझकर उसे सदा श्रेष्ठ कार्य में लगाओ, शुभचिंतन करो
ब्राह्मण जीवन का सांस उमंग-उत्साह है इसलिए किसी भी परिस्थिति में उमंग-उत्साह का प्रेशर कम न हो
युक्तियुक्त वा यथार्थ सेवा का प्रत्यक्षफल है खुशी।